जानिए, बच्चों के लिए क्यों खतरनाक है तीसरी लहर, साथ ही उन्हें इससे कैसे बचाएं

जानिए, बच्चों के लिए क्यों खतरनाक है तीसरी लहर, साथ ही उन्हें इससे कैसे बचाएं

सेहतराग टीम

कोरोना की दूसरी लहर काफी भयावह स्थिति का रुप लेती जा रही है। ऐसे में अपनी सुरक्षा लोग खुद करें और मास्क जरूर लगाएं इसके साथ दो गज की दूरी बना कर रखें। वहीं अभी कोरोना की दूसरी लहर से पूरा देश लड़ रहा ही है कि अब तीसरी लहर की भी आशंका जताई जा रही है। इसको लेकर देश के सर्वोच्च न्यायालय ने चिंता जताई है और सरकार को तैयारी करने के लिए भी कहा है। वहीं अब सवाल उठता है कि आखिर तीसरी लहर से बच्चों को कैसे बचाया जाए। आइए जानते हैं कि इस विषय पर एक्सपर्ट की क्या राय है।

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आपको बता दें, कनाडा ने बच्चों को कोविड वैक्सीन देने की इजाजत दे दी है। इसके साथ ही ही ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। कनाडा के चीफ मेडिकल अडवाइजर सुप्रिय शर्मा ने एक न्यूज कॉन्फ्रेंस में कहा, ''कनाडा में यह पहली वैक्सीन है जिसे बच्चों को कोविड-19 से बचाने के लिए मंजूरी दी गई है और यह महामारी के खिलाफ कनाडा की जंग में मील का पत्थर है। दुनिया में सबसे पहले हमने 12-15 उम्र के बच्चों के लिए फाइजर के वैक्सीन को मंजूरी दी है।

कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों का कैसे रखें ख्याल

बच्चों के लिए वैक्सीनेशन है जरूरी 

एक्सपर्ट बताते हैं कि बच्चों को वैक्सीनेशन करना बहुत ही जरूरी है। बच्चों के बढ़ते केस बीते 7 दिन में बढ़ते जा रहे हैं।  हर्ड इम्यूनिटी लाने के लिए वैक्सीन लगवाना जरूरी है। इसलिए समय रहते सरकार को ट्रायल लेने के साथ बच्चों की वैक्सीनेशन शुरू कर देना चाहिए। 

घर से ना निकले बाहर, होगा कोरोना से बचाव

बच्चों को घर से बाहर ना निकलने दें। घर पर मौजूद किसी भी मेंबर को लक्षण नजर आते हैं तो खुद को आइसोलेट कर लें। जिससे कि यह संक्रमण न फैले। घर पर मास्क लगाना बहुत ही जरूरी हो गया है। बच्चों को बाहर घूमने ना दें और ना ही कई लोगों से मिलने दें।

जिस तरह से वैक्सीनेशन चल रहा हैं। ऐसे में हर्ड इम्यूनिटी जल्द नहीं बनने वाली है। 18 साल के नीचे वाले बच्चों की जनसंख्या  बहुत अधिक है। ऐसे में 4-5 माह वैक्सीन नहीं आएगी। हर्ड इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए 60-70 लोगों को वैक्सीन लगवाना जरूर है। लेकिन अभी तक कुछ ही प्रतिशत हो पाई है। 

बच्चों के लिए जल्दी शुरू होना चाहिए वैक्सीनेशन

भारत ने जो गाइडलाइन बनाई है उसे जरूर फॉलों करना चाहिए। फाइजर की वैक्सीन को भारत में लाकर उसका ट्रायल जल्दी से करना चाहिए। जिससे बच्चों को कोरोना से बचाया जा सके। छोटे बच्चे को काफी माइल्ड लक्षण होते है जिसके कारण फैमिली को पता ही नहीं चलता है कि वह कोरोना से संक्रमित हो गए है।  जिससे वह घर पर मौजूद बुजुर्ग और अन्य सदस्यों को कोरोना से संक्रमित कर देते हैं।  

क्या बच्चों के कारण फैली कोरोना की दूसरी लहर

कोरोना की दूसरी लहर से ज्यादा बच्चे संक्रमित नहीं हुए है। ऐसे में उनसे कोरोना फैलना बिल्कुल भी सही बात नहीं है।   नई स्ट्रेन बहुत तेजी से फैल रही है। जहां पर 7-8 दिन एक सदस्य से दूसरे सदस्य तक पहुंचती थी। वहीं अब 3-4 दिन में पूरी फैमिली को संक्रमित कर रहा है।

बच्चों को घर पर रखकर कैसे रखें हेल्दी

घर पर बच्चे लगातार रहते हैं। जिससे उनके मानसिक प्रभाव पड़ता है।  ऐसे में बच्चों को कम से कम स्क्रीन इस्तेमाल करने दें। इसके लिए उनके साथ अधिक से अधिक समय बिताएं। इसके लिए उनकी रूटीन बनाएं। दोस्तों, फैमिली से बात कराएं। इसके साथ ही कोरोना को लेकर बच्चों को अच्छे से बताएं। जिससे कि उसके अंदर कोरोना को लेकर डर खत्म हो। बच्चों को अधिक से अधिक हेल्दी फूड का सेवन कराएं। कोरोना का असर फैमिली के साथ-साथ बच्चों पर अधिक प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे में बच्चों को स्वास्थ्य के साथ-साथ खानपान का पूरा ध्यान रखना चाहिए। जिससे कि उसके शरीर में पोषक तत्वों की कमी न हो। 

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